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Sri Lanka के हालात बद से बदतर
होते जा रहे हैं लोगों को खाना तेलबिजली कुछ नसीब नहीं हो रहा सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं पूरे देश में आपातकाल लगाया जा चुका है इस भयंकर तबाही के बीच श्रीलंका की सरकार लगातार भारत के संपर्क में है और अब तो श्रीलंका के विपक्षी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक ऐसी गुहार लगाई है जिससे श्रीलंका के गंभीर हालातों का पता चलता है श्रीलंका में विपक्ष के नेता सजित प्रेमदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि जितना हो सके
वो श्रीलंका की मदद करें प्रेमदास ने पीएम मोदी से विनती
की है कि कृपया हमारी मातृभूमि को बचाने में मदद कीजिए आपको बता दें कि लंका में बिगड़ते हालातों को देखते हुए पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जय शंकर के
बीच एक बड़ी बैठक हुई इस बैठक में श्रीलंका के साथ-साथ भारत के कुछ और पड़ोसी देशों में चल रही राजनैतिक उथल-पुथल पर भी चर्चा हुई। हाल ही में श्रीलंका की यात्रा से वापस लौटे भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर ने
प्रधानमंत्री मोदी को पूरे घटना क्रम से अवगत कराया। भारत ने अब श्रीलंका को बचाने के लिए कमर कस
ली है। भारत ने कुछ ऐसे बड़े कदम उठाए हैं जिससे श्रीलंका चीन के चंगुल से बचाया जा सके। आपको याद
दिला दें कि श्रीलंका की इस हालत के पीछे सबसे बड़ा हाथ तो चीन का ही है। इस समय भारत के लिए श्रीलंका में दो चुनौतियां सबसे बड़ी हैं। पहली ये कि श्रीलंका में चीन के विस्तार को रोका जाए। और दूसरी चुनौती ये है कि
श्रीलंका की बर्बाद हो चुकी अर्थव्यवस्था को जल्द ही जल्द
पटरी पर वापस लाया जा सके भारत ने इन्हीं दो चुनौतियों से निपटने के लिए काम शुरू भी कर दिया है। भारत सरकार ने श्रीलंका में रणनीतिक निवेश को बढ़ा दिया
है। मोदी सरकार ने अपनी कूटनीति के जरिए श्रीलंका में कई बड़े प्रोजेक्ट्स अपने नाम कर लिए हैं। ये प्रोजेक्ट्स पहले चीन को मिलने वाले थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट जो पहले चीन को मिलने
वाला था लेकिन अब वो भारत को मिल चुका है। इसके अलावा भारत श्रीलंका में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक पोर्ट सिटी का निर्माण भी कर रहा है। आपको जानकारी दे दें कि भारत द्वारा बनाई जा रही ये पोर्ट सिटी। श्रीलंका के टोटा बंदरगाह के पास है जिसे चीन ने हथिया रखा है। श्रीलंका में भारत पर्यटनreal estate वस्तु निर्माणसंचार और petroleum जैसे क्षेत्रों में भी निवेश कर रहा है। ये तो बात हुई रणनीतिक निवेश की आपको जानकारी
दे दें कि भारत श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करना चाहता है। इसके लिए भारत ने सबसे
पहले तो श्रीलंका को अनाज और तेल भेजा ताकि बिगड़ती हुई स्थिति को थोड़ा संभाला जा सके। भारत ने श्रीलंका को ईंधनभोजनदवाओं की खरीद के लिए एक दशमलव पाँच
अरब Dollar से अधिक की वित्तीय सहायता दी है भारत चाहता है कि जल्द से जल्द Sri Lanka में हालात सामान्य हो जाए और उसकी चीन पर निर्भरता कम हो जाए भारत
ये जानता है कि अगर पड़ोस में सब कुछ ठीक चल रहा है तो अपने घर में भी शांति बनी रहती है और अगर
पड़ोस में अशांति और अनिश्चितताका माहौल हो तो घर में भीचिंताएँ बढ़ जाती है

